Powered By Blogger
Welcome,
Now you are going to enter the world of suspence........

Do you think, does the god exist ?

RINI

RINI

Search This Blog

Pages

Powered By Blogger

31 January, 2014

माँ

"किसी भी मुशकिल का अब किसी को हल नही मिलता , शायद अब घर से कोई माँ के पैर छूकर नही निकलता ! "

तस्बीह

ग़ालिब ने यह कह कर तोड़ दी तस्बीह (माला)..... गिनकर क्यों नाम लू उसका जो बेहिसाब देता है ।

वो शख्स

वो शख्स मेरी रग-रग से वाकिफ़ है इस तरह कि उसी पे हाथ रखता है, जो दुखती बहुत है